अगर आप भारत में रहते हैं तो यकीनन आपने ड्रोन को उड़ते हुए देखा होगा, मसलंद किसी शादी में या किसी चुनाव प्रचार में । भारत में भले ही आपने ड्रोन सीमित जगहों पे देखा है लेकिन दुनिया के कई देशों में ड्रोन का इस्तेमाल काफी जरूरी चीजों को पूरा करने के लिए किया जा रहा है । इसी वजह से उन देशों में रोज़गार के क्षेत्र में ड्रोन ने काफ़ी अवसर प्रदान किए हैं।
उसी तर्ज पे भारत में भी अब ड्रोन विमानों को लेकर एक तेजी देखी जा रही है। हफ्ते दर हफ्ते सरकार के कई विभाग ड्रोन से किए जाने वाले प्रोजेक्ट की घोषणा कर रहे हैं। जहां एक ओर सरकारी परियोजना में ड्रोन का इस्तेमाल मैपिंग, उपकरण जांच और सर्वेक्षण जैसी चीज़ों के लिए होने लगा है वहीं दूसरी ओर ड्रोन की ज़रूरी दवाइयां और कोविड टीकाकरण अभियान में उपयोगिता की भी जांच हो रही है। ऐसे में ये तो तय है की इस क्षेत्र में काफी सारे रोजगार के अवसर जल्द ही आने लगेंगे। विशेषज्ञों का मानना है की 2025 तक भारत में 2 लाख ड्रोन पायलट की जरूरत होगी। ऐसे में जरूरी है की आप ये जाने की आप कैसे अपने कौशलता को बढ़ा के एक कुशल ड्रोन पायलट बन सकते है ।
ड्रोन उड़ाना यूं तो एक काफी आज़ाद करने वाला एहसास है लेकिन कुछ लोग इसे गलत तरीके से इस्तेमाल कर लोगों को नुकसान पहुंचा सकते है। इन गैर कानूनी गतिविधियों को रोकने और ड्रोन इंडस्ट्री को सुचारू रूप से भारत में कारगर बनाने हेतु भारत सरकार ने पिछले साल ही ड्रोन नियम जारी किए है।
भारत सरकार के ड्रोन नियम के अनुसार कोई भी व्यक्ति जिसने दसवीं तक शिक्षा पूरी करली है और १८ साल से ज्यादा उम्र का है वो ड्रोन उड़ा सकता है। इसके अलावा ड्रोन उड़ाने से संबंधित कुछ मुख्य नियम इस प्रकार हैं
भारत में वजन के आधार पे ड्रोन को ५ हिस्सों में बांटा है। आप सबसे कम वजन के ड्रोन (नैनो) को कम दूरी पे उड़ाना शुरू करते हुए धीरे धीरे भारी वजन के ड्रोनों को लंबी दूरी तक के लिए उड़ना सिख सकते हैं। ऐसे में ज़रूरत होगी एक ड्रोन प्रशिक्षण संस्थान की या एक कुशल ड्रोन प्रशिक्षक की जो अपने अनुभव के आधार पे आपको ड्रोन उड़ाना सीखा दे।
भारत में ४० से ऊपर ड्रोन प्रशिक्षण संस्थान हैं जहा पे आप ड्रोन उड़ाना सिख सकते हैं। ये बिलकुल एक मोटर ड्राइविंग स्कूल की तरह हैं जहा आप गाड़ी चलाना सीखते हैं। गौरतलब वाली बात ये है कि सीखने के दौरान खुद का ड्रोन होना अनिवार्य नहीं होता है।
एक बुनियादी ड्रोन प्रशिक्षण शुल्क की लागत लगभग 20 से 40 हजार होती है और आप 5 से 10 दिनों में बुनियादी ड्रोन उड़ान पाठ्यक्रम पूरा कर सकते हैं ।
आपके नज़दीकी ड्रोन प्रशिक्षण संस्थान के बारे में जानने के लिए क्लिक करें ।
भारतीय नियम अनुसार यदि आप कमर्शियल ड्रोन पायलट बनना चाहते हैं तो आप के पास रिमोट पायलट सर्टिफिकेट होना अनिवार्य है |
रिमोट पायलट सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए आप ड्रोन ट्रेनिंग स्कूल से संपर्क कर सकते हैं
आँखों से दिखने वाले दूरी तक ड्रोन उड़ाने के लिए
आँखों की दृष्टि से परे ड्रोन उड़ाने के लिए
अब ये सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए आपको DGCA के द्वारा निर्धारित कुछ ड्रोन ट्रेनिंग स्कूल से संपर्क करना होगा। गौरतलब की बात ये है की कुछ ट्रेनिंग स्कूल आपको बस ड्रोन उड़ाना सीखा सकते हैं और कुछ ट्रेनिंग स्कूल आपको सिखाने के साथ साथ सर्टिफिकेट प्राप्त करने में आपको सहायता दे सकते हैं। ऐसे में ये जरुरी है की आप ट्रेनिंग लेने से पहले ये पता करें कि क्या आपके नज़दीकी ड्रोन ट्रेनिंग स्कूल में ये दोनो सुविधाएं उपलब्ध हैं या नहीं!
लाइसेंस हासिल करने के बाद आप या तो एक फ्रीलांसर के तौर पे ड्रोन पायलट रह सकते हैं या आप ड्रोन सर्विस कंपनीज में नौकरी ढूंढ के उनके साथ जुड़ सकते हैं।
यदि आप एक फ्रीलांसर हैं तो आपको ऐसे प्लेटफॉर्म की जरूरत होगी जहां आप अपने लिए प्रोजेक्ट्स ढूंढ पाएं। अक्सर बड़ी कंपनियां ड्रोन पायलट की आवश्यकता को नौकरी डॉट कॉम या लिंकडिन जैसे वेब साइट्स पे डालती हैं।
कुछ छोटी कंपनी यही काम ड्रोन पायलट के सोशल नेटवर्क चैनल्स पे सीधे भेज देती हैं । ऐसे में फेसबुक और व्हाट्स एप पे ड्रोन पायलट्स के ग्रूप्स से काफी जरूरी सूचनाएं मिल सकती है। ऐसे कुछ ग्रूप की सूची हमने इक्ट्ठा की जिन में आप अपने सोशल नेटवर्किंग अकाउंट्स से जुड़ सकते हैं।
ड्रोन पायलट की इन जरूरतों को ध्यान में रखते हुए हमने ट्रोपोगो एप के माध्यम से ड्रोन पायलट के लिए नौकरी और प्रोजेक्ट की जानकारी को सरल और तेज रूप से लोगों तक पहुंचाने की एक पहल की है। जानकारी के लिए आप ट्रोपोगो एप डाउनलोड करके देख सकते हैं।
भारत में ड्रोन क्रांति की शुरुआत हो चुकी है। विभिन्न मंत्रालय ने अपने विभागों को ड्रोन इस्तमाल करने का निर्देश दिया है। रिटेल, इ-कॉमर्स, ऑयल एंड गैस, मीडिया और अन्य कई प्राइवेट क्षेत्रों में ड्रोन का प्राथमिक इस्तेमाल किया जा रहा है। अब वो दिन भी दूर नही है जहा आपके छत पे ड्रोन से सामान पहुंचाया जाए।
आईटी क्रांति के बाद ड्रोन क्रांति के युग की शुरुआत भारत में हो चुकी है।
इस युग को आगे बढ़ाएंगे वो कुशल ड्रोन पायलट जो भारत के इस नए युग में अपने लिए एक नया इतिहास बनायेंगे और भारत के कल कहलाएंगे।
जुड़िए और उड़िए, क्योंकि अब वो कल नही वो आज है |